Valentine's Day Shayari: Listen to these shayari on February 14th, your boyfriend / girlfriend will say - what is the matter!

You can also share Valentine's Day on the day. Then read and tell your partner in the Shireana style of your love- Who says that without me he is happy ... j ust look at me in front of me ...




February 14 (14th February) comes a day before Valentine's Day, Kiss Day.On this day people express love through their companions and on whom the messages are shared with the message and shayari on each day. Before Valentine's Day , there is a great shayari here to make Kiss Day Shayari, which will not only please you, but also your partner. After reading this poetry, you will not be able to live with your partner without sharing it with WhatsApp, Facebook or SMS. These shayari can not only share Kiss Day but also on the day of Valentine's Day . So read and show your love to your partner in Shireana Indase ...


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जो उनकी आंखों से बयां होते हैं
वो लफ्ज़ किताबों में कहाँ होते हैं...
कौन कहता है मेरे बिना वो खुश है
जरा उनके सामने मेरा नाम ले कर देखो...
किसी को चाहो तो इस अंदाज़ से चाहो!
कि वो तुम्हे मिले या ना मिले!
मगर उसे जब भी प्यार मिले तो तुम याद आओ!!
अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम ले लो
न छोड़ूंगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो
- अमीर मीनाई

इश्क़ है अगर
शिकायत न कीजिए...!
और शिकवे हैं तो
मोहब्बत न कीजिए...!
ना रूठना ना मनाना, ना गिला ना शिकवा कर,
गर करना है तो बस इश्क़ कर, बे-इन्तहा कर
चर्चे... किस्से... नाराजगी आने दो,
मुझको इश्क़ में और
इश्क़ को मुझमें मशहूर हो जाने दो
सीने में जलन आंखों में तूफ़ान क्यों होता है,
इस आशिकी में हर आदमी परेशान क्यों होता है
लगाके इश्क़ की बाजी सुना है दिल दे बैठे हो,
मुहब्बत मार डालेगी अभी तुम फूल जैसे हो...
उसी से पूछ लो उसके इश्क की कीमत,
हम तो बस भरोसे पे बिक गए
इक बात कहूं इश्क़ बुरा तो नहीं मानोगे,
बड़ी मौज के थे दिन, तुमसे पहचान से पहले
अगर इश्क़ गुनाह है तो गुनाहगार है खुदा,
जिसने बनाया दिल किसी पर आने के लिए
अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब,
नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे
कुछ अजब हाल है इन दिनों तबियत का साहब,
ख़ुशी ख़ुशी न लगे और ग़म बुरा न लगे
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल,
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है...
मेरी रूह गुलाम हो गई है, तेरे इश्क़ में शायद,
वरना यूँ छटपटाना, मेरी आदत तो ना थी
हमारे इश्क़ को यूं न आज़माओ सनम,
पत्थरों को धड़कना सिखा देते हैं हम...
एहसास-ए-मुहब्बत के लिए
बस इतना ही काफी है,
तेरे बगैर भी हम, तेरे ही रहते हैं...
दिल एक हो तो कई बार क्यों लगाया जाये,
बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये
इश्क की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही,
दर्द कम हो कि ज्यादा हो, मगर हो तो सही...





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